मनुष्य के ज्ञानवर्धन के लिए एक अच्छी पुस्तक उसकी मूल जरूरतों में से एक है। पुस्तकें हमारे जीवन को गढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। समाज में हमारे विभिन्न क्रियाकलापों पर, पुस्तकों का प्रकाशन तथा उनकी कारगर वितरण प्रणाली गहरा असर डालती है। गहन अध्ययन, विचार-विमर्श तथा अथक प्रयत्नों के बाद सरकार द्वारा नियम, रिपोर्ट तथा पुस्तकें तैयार की जाती हैं। संदर्भ के लिए वे अधिक प्रमाणित तथा महत्वपूर्ण होती हैं। सरकारी प्रकाशनों के प्रदर्शन तथा बिक्री का उद्देश्य उनमें निहित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों तथा नितियों इत्यादि का प्रसार करना है ताकि आम आदमी इन प्रकाशनों से लाभान्वित हो सकें।

सिविल लाइन्स, पुराना सचिवालय, दिल्ली-110054 स्थित प्रकाशन विभाग भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का अधीनस्थ कार्यालय है। यह विभाग पुस्तक प्रेमियों की आवश्यकताओं तथा समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों की जरूरतों को पूरा करता आ रहा है। विभाग ने वर्ष 1924 से अब तक काफी बड़ी संख्या मे पुस्तकें अर्जित की है जो भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, अन्य संगठनों समेत स्वायत निकायों द्वारा प्रकाशित अनेक विधाओं तथा विषयों पर उपलब्ध हैं। (देश की स्वतंत्रता से पहले विभाग का कार्य केवल सरकारी रिपोर्टों तक सीमित था)। समय के साथ-साथ इसका कार्य कई गुना बढ़ गया तथा वर्ष 1973 से यह एक स्वतंत्र विभाग बन गया। कार्य आबंटन नियमावली के अनुसार प्रकाशन विभाग सभी सरकारी पुस्तकों को छापने के लिए अधिकृत ऐजेन्सी है। यह विभाग टेंडर नोटिसों के भण्डारण, वितरण तथा विज्ञापन और सरकारी प्रकाशनों के लिए सूची-पत्र तैयार करने तथा बिक्री का कार्य भी करता है।

विभाग के मुख्य कार्य है :-
1.भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रकाशित किए गए सरकारी प्रकाशनों तथा पत्रिकाओं का भण्डारण, बिक्री तथा वितरण ।
2.भारत सरकार के राजपत्र तथा दिल्ली सरकार के राजपत्र के प्रकाशन।
3.प्रकाशनों/पत्रिकाओं का सूचीकरण, प्रतीकचिन्ह जारी करना, मूल्य निर्धारण तथा बिक्री उन्नयन संबंधी कार्य।
4.रक्षा प्रकाशनों का भण्डारण तथा वितरण।
5.निजी ऐजेन्सियों तथा बिक्री तथा वापसी ऐजेन्टों के नेटवर्क का प्रबंधन करना तथा विभाग के अपने बिक्री डिपों/पटलों का संचालन करना।
6.“अमेरिकी विनिमय कार्यक्रम” के अधीन यू एस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के साथ प्रकाशनों का आदान-प्रदान।